URL क्या होता है?

नमस्कार दोस्तों मै निशांत आज आपको बताने की कोशिश करूँगा के  URL क्या होता है 



URL(यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर)


आपने कई बार URL के बारे में सुना होगा मगर शायद आपको ना मालूम हो के यह होता क्या है, URL किसी भी वेबसाइट की पहचान होती है  जैसे आपके घर की पहचान आपके घर का पता होती है उसी तरह  इंटरनेट की दुनिया में URL  भी  किसी वेबसाइट की पहचान होती है। 

URL  कई भागो में बटा हुआ होते है वे भाग ये हैं।

URL  Example











Parts of URL


    1. Protocol:  URL  का  भाग प्रोटोकॉल होता है,  प्रोटोकॉल डाटा ट्रांसफर के नियम और टेक्नोलॉजी का निर्धारण करता है.  मुख्य रूप से इन तीन प्रोटोकॉल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है 
      1. HTTP(Hyper Text Transter Protocal): इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल वेबपेजों को भेजने के लिए किया जाता है। 
      2. HTTPS(Hyper Text Transfer Protocol Secure): यह प्रोटोकॉल भी http  की तरह ही काम करती है पर क्युकी यह नहीं तकनीक पर काम  करती है इस लिए यह सुरक्षित है। 
      3. FTP(File Transfer Protocol): यह प्रोटोकॉल फाइलों को भेजने हेतु इस्तेमाल की जाती है। 
      4. ध्यान दें  इंटरनेट  पर  किसी प्रकार की भी ऑनलाइन खरीददरी करने से पहले जांच लें के आप जिस साइट पर भुगतान करने  जा रहे है वह  " https:// " से शुरू होती  हो। 
    2. Sub-Domain: सब-डोमेन डोमेन का एक छोटा भाग होता है एक डोमेन के कई भाग हो सकते हैं। उदाहरण के लिए जैसे drive.google.com में drive एक सब-डोमेन है। 
    3. Domain: डोमेन किसी भी वेबसाइट के लिए अद्वित्य( unique) नाम होता है।  जो उस वेबसाइट की व्यक्तिगत पहचान के लिए ज़रूरी होता है। 
    4. Top Level Domain: टॉप लेवल डोमेन किसी वेब एड्रेस (URL)  में डॉट (.) के बाद वाला हिस्सा होता है, उदहारण के लिए के लिए www.baatkaamki.blogspot.com में  डॉट  के बाद हो com लगा हुआ है यह इस और इशारा करता है की यह वेबसाइट  कमर्शियल  है।  नीचे इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। 
    5. Product: URL  का यह भाग उस  फाइल को प्रस्तुत करता है जो फाइल आपके ब्राउज़र को खोलनी है। 
    6. Extension: यह भाग उस फाइल के टाइप को बताता है जिसे आपने खोला है। अधिकांश यह फाइल।  .html, .php .asp आदि होती है पर यह।  .mp3 .apk .exe आदि भी हो सकती है। 

DNS क्या होता है ?

DNS की फुल फॉर्म Domain Name System होती है। DNS एक ऐसी नामांकन की प्रक्रिया है जिसके तहत हम आसानी से किसी भी सार्वजनिक सर्वर तक पहुंच सकते है।

DNS काम कैसे करता है ?


डोमेन नेम सर्वर में सभी वेबसाइटो का आई पी  एड्रेस (ip address) और उनके डोमेन का नाम इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है के जब आप अपने ब्राउज़र में किसी वेबसाइट के डोमेन का नाम लिखकर एंटर करते है तो आपका ब्राउज़र उस डोमेन के अनुरूप उस वेबसाइट की ip  को पॉइंट करता है उदाहरण के लिए जब आप ब्राउज़र में www.google.com टाइप करते है तो आपका ब्राउज़र उसके अनुरूप आपको 173.194.38.51 पर रखा हुआ पेज दिखायेगा

TLD: Top Level Domain

टॉप लेवल डोमेन URL  में डॉट के बाद का हिस्सा होता है आइये TLD के कुछ उदाहरण देखते हैं।

  • .com(commercial): यह व्यावसायिक कार्यो के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 
  • .org(orginization) यह किसी संस्था से सम्बंधित होता है। 
  • .net(network) इसका  नेटवर्किंग के सन्दर्भ  में किया जाता है। 
  • .edu(education): इस TDL  का उपयोग शिक्षा सम्बंधित वेबसाइट को होस्ट करने के लिए किया जाता है। 
  • .gov(goverment): इसका इस्तेमाल सरकारी वेबसाइटो को होस्ट करने के लिए किया जाता है। 
  • .info(information)यह सुचना एवं प्रौद्योगिकी से सम्बंधित है। 


CcTDL: Country Code Top Level Domain 

इस प्रणाली का इस्तेमाल किसी राष्ट्र से सम्बन्धी साइट को होस्ट करने के लिए किया जाता है चलिए इसके भी कुछ उदाहरण देखते है।


  • .in: India
  • .pk: Pakistan
  • .rs:  Russia
  • .cn: China



भाइयो अगर कुछ समझ आया हो तो शेयर कर सकते हो नहीं भी कर  सकते आपकी मर्जी वैसे लिखने में तो मेहनत लगी है। 

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